Shri Ramarch Mahayagya: छोटी काशी मंडी में इस बार बंजार घाटी के आराध्य देव श्रृंगा ऋषि का आगमन भव्य स्वागत के साथ हुआ। देवता का श्री माधव राय संग दिव्य मिलन हुआ और श्रद्धालुओं ने स्वागत में फूल बिछाकर अपने आराध्य का अभिनंदन किया। इसके बाद देव श्रृंगा ऋषि श्रीरामर्चा महायज्ञ महोत्सव में पहुंचे, जहां पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने उन्हें फूलों से आच्छादित किया। भव्य स्वागत उपरांत देवता धर्म ध्वजा में परिक्रमा करते हुए काशी विश्वनाथ के दरबार में विराजमान हुए। इस पावन अवसर पर दंडी महात्माओं, साधु संतों और महंत राजेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने देव श्रृंगा ऋषि की पूजा-अर्चना और आरती की। इस धार्मिक कार्यक्रम में आईजी सौम्या साम्वशिवन भी मौजूद रहीं। उल्लेखनीय है कि देव श्रृंगा ऋषि का मंडी आगमन लंबे समय बाद हुआ है; इससे पूर्व वह राजा जालिम सेन के समय मंडी आए थे।श्रीरामार्चा महायज्ञ व श्रीराम कथा के छठे दिन कथा व्यास श्रीमानस पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामललाचार्य जी महाराज ने श्रीराम के अद्भुत चरित्रों का वर्णन किया। कथा में रानी कैकयी के श्रीराम को वनवास भेजने के प्रसंग को सुनाते हुए उन्होंने बताया कि कैसे मंथरा के बहकावे में आकर रानी कैकयी ने राजा दशरथ से यह वरदान मांगा, जिससे राजा दशरथ अत्यंत दुखी हुए। इस अवसर पर साध्वी डॉ. प्राची ने भी श्रद्धालुओं को धर्म और ज्ञान की बातों से प्रेरित किया।